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HSSC CET Latest News: सीईटी परीक्षा के लिए बढ़ा युवाओ का इंतजार, पहले बोर्ड परीक्षा, फिर चुनाव, सीईटी परीक्षा मार्च से पहले संभव नहीं

HSSC CET Latest News: हरियाणा में लगभग 16 लाख युवा सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर चुके हैं और उनके लिए यह इंतजार का दौर काफी चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा है। इन युवाओं ने ग्रुप सी और डी के विभिन्न पदों के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित नहीं की जा सकी है।

हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के माध्यम से आयोजित होने वाली यह परीक्षा राज्य के हजारों युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का प्रवेश द्वार मानी जाती है। लेकिन, इस बार निकाय चुनाव और प्रशासनिक बाधाओं की वजह से परीक्षा के आयोजन में देरी हो रही है। इसके अलावा, स्कूलों में चल रही प्री-बोर्ड परीक्षाओं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों ने भी इस प्रक्रिया को प्रभावित किया है।

परीक्षा में देरी के मुख्य कारण

हरियाणा सरकार ने 5 फरवरी के बाद राज्य में निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया है। यह चुनाव सरकार और प्रशासन के लिए प्राथमिकता बन चुके हैं, जिसके चलते सीईटी परीक्षा के लिए तारीखें निर्धारित नहीं हो पा रही हैं।
साल 2024 के अंत तक यह उम्मीद की जा रही थी कि परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, लेकिन 31 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इससे उन युवाओं में चिंता और हताशा बढ़ गई है जो लंबे समय से नौकरी के इस मौके का इंतजार कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, परीक्षा से जुड़ी फाइलों का अभी तक अनुमोदन नहीं हो पाया है। यह फाइलें परीक्षा के आयोजन से पहले सरकार और अन्य विभागों के बीच विचाराधीन होती हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा के आयोजन में देरी का मुख्य कारण निकाय चुनाव की तैयारियां हैं।

निकाय चुनाव और प्रशासन की प्राथमिकता

निकाय चुनाव हरियाणा के प्रशासन के लिए एक बड़ा आयोजन है, जिसमें राज्य की पूरी मशीनरी लगाई जाती है। मतदान केंद्रों की तैयारी, कर्मचारियों की तैनाती और सुरक्षा की व्यवस्थाएं प्राथमिकता बन चुकी हैं। प्रशासन के पास परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन नहीं हैं।

साथ ही, राज्य के कई हिस्सों में स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, जिससे स्कूल भवन और अन्य संसाधन फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि निकाय चुनाव के बाद ही परीक्षा आयोजित करने पर विचार किया जा सकता है।

युवाओं की प्रतिक्रिया

परीक्षा में देरी को लेकर हरियाणा के युवा काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि लंबे समय से आवेदन और तैयारी के बावजूद परीक्षा आयोजित नहीं हो पा रही है। इस वजह से उनकी मेहनत का लाभ उन्हें मिलता नहीं दिख रहा।
युवाओं का यह भी कहना है कि प्रशासन को उनकी चिंताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। परीक्षा के आयोजन में हो रही देरी उनके भविष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।

कुछ उम्मीदवारों ने सरकार से यह मांग की है कि परीक्षा की तारीखों को जल्दी से जल्दी घोषित किया जाए ताकि उनकी तैयारी और मेहनत बेकार न जाए। कई युवाओं ने इसे सोशल मीडिया के माध्यम से भी उठाया है और प्रशासन से जल्द से जल्द समाधान की मांग की है।

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सीईटी परीक्षा का महत्व

हरियाणा में सीईटी परीक्षा सरकारी नौकरी के लिए एक अहम मील का पत्थर है। यह परीक्षा न केवल युवाओं को रोजगार का अवसर देती है, बल्कि राज्य के विकास में भी योगदान करती है। हरियाणा सरकार ने इसे इसलिए लागू किया ताकि सभी भर्तियों में पारदर्शिता और समानता बनी रहे।

इस परीक्षा के माध्यम से हजारों युवाओं को सरकारी विभागों में ग्रुप सी और डी के पदों पर नियुक्ति मिलती है। परीक्षा की देरी से न केवल युवाओं का भविष्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था भी बाधित हो रही है।

सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?

निकाय चुनाव के बाद राज्य सरकार को तुरंत सीईटी परीक्षा की तारीखें घोषित करनी चाहिए। इससे न केवल युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उनकी तैयारियों का भी सही उपयोग होगा।

सरकार को प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना चाहिए ताकि इस प्रकार की देरी से बचा जा सके। परीक्षा से जुड़ी फाइलों का अनुमोदन पहले ही कर लेना चाहिए ताकि किसी भी बाहरी कारण से परीक्षा में देरी न हो।

इसके अलावा, परीक्षा की तैयारी के लिए युवाओं को सही दिशा-निर्देश और अपडेट देना चाहिए। सरकारी पोर्टल पर नियमित रूप से जानकारी अपडेट करना आवश्यक है ताकि उम्मीदवार किसी भी भ्रम से बच सकें।

हरियाणा में सीईटी परीक्षा के आयोजन में हो रही देरी युवाओं के भविष्य पर गहरा प्रभाव डाल रही है। निकाय चुनाव और प्रशासनिक बाधाओं के चलते इस प्रक्रिया में और अधिक विलंब हो सकता है।

हालांकि, सरकार को यह समझना चाहिए कि इस परीक्षा का आयोजन समय पर करना लाखों युवाओं के लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि राज्य की प्रशासनिक और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।

इसलिए, यह जरूरी है कि सरकार युवाओं की चिंताओं को समझे और शीघ्र निर्णय लेकर परीक्षा आयोजित करे। यह कदम न केवल युवाओं का विश्वास बनाए रखेगा, बल्कि राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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