HSSC Group D Joining Latest Update: हरियाणा में ग्रुप-डी पदों पर भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अभ्यर्थियों के लिए बड़ी समस्या सामने आ रही है। हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि कुछ विभाग नए कर्मचारियों को जॉइनिंग नहीं करा रहे हैं। यह स्थिति उन अभ्यर्थियों के लिए निराशाजनक है जिन्होंने पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है और अब अपने नियुक्ति पत्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
विभागों का तर्क: पद रिक्त या स्वीकृत नहीं
राज्य के कुछ विभागों ने यह दावा किया है कि उनके पास जिलों में या तो पद रिक्त नहीं हैं या ऐसे पद स्वीकृत नहीं हुए हैं। यह तर्क न केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि उन अभ्यर्थियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है जो लंबे समय से इस नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।
सेवा सुरक्षा एक्ट का पालन
सेवा सुरक्षा एक्ट के अनुसार, संविदा कर्मियों को हटाकर नई नियुक्ति की जानी थी। हालांकि, कई विभाग इस प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। इस एक्ट का उद्देश्य सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और अनुशासन लाना था, लेकिन वर्तमान स्थिति ने इसे सवालों के घेरे में ला दिया है।
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भत्तों और सुविधाओं पर नया निर्देश
एक और विवादास्पद पहलू यह है कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि जहां ठहरने और खाने की व्यवस्था सरकारी होगी, वहां अधिकारी और कर्मचारी यात्रा भत्ता नहीं ले सकेंगे। यह निर्देश कई कर्मचारियों के लिए अप्रत्याशित है और इसमें संशोधन की मांग की जा रही है।
प्रभावित अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
अभ्यर्थी इस स्थिति से बेहद निराश हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सरकार की असफलता को दर्शाता है। अभ्यर्थियों का कहना है कि:
- उनकी मेहनत और समय का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
- भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की मांग होनी चाहिए।
आगे की संभावनाएं
यदि यह समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो अभ्यर्थी बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर सकते हैं। कई अभ्यर्थियों ने अपनी शिकायत उच्च अधिकारियों और मीडिया तक पहुंचाई है।
हरियाणा में ग्रुप-डी भर्ती प्रक्रिया को लेकर यह नई समस्या सरकार और संबंधित विभागों के लिए चिंता का विषय बन गई है। अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कराई जाए। राज्य सरकार और विभागों को इस मुद्दे को प्राथमिकता से हल करना चाहिए ताकि योग्य उम्मीदवार अपने पद पर कार्यभार संभाल सकें और सरकारी तंत्र में सुधार हो सके।